फिर यूपी का चुनाव,फिर से रागा पै दाँव फिर वही भटकाव, फिर वही ठहराव. पैंतालिस के पार युवा कहलाने का चाव, फिर बच्चों सा बर्ताव,हवा में चलाए नाव. और सोच का अभाव, बस डोप का प्रभाव, देश,लाज और नाम, बेच खाए बट्टे के भाव.. अक्षिणी भटनागर
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