गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

मन की सोच..

मन की सोच, मन पर बोझ..
मन का खोट, मन पर चोट..
मन की भूल, मन का शूल..
मन की टोह, मन का मोह..
मन की मार, मन पर भार..
मन की डोर, कुछ ना छोर..
मन की दौड़, मन का तोड़..
मन के मोर, मन चितचोर..
मन के तार, मन संसार..
मन का मैल,मन का खेल..
मन के रेले, मन के मेले..

~अक्षिणी

मंगलवार, 14 फ़रवरी 2023

प्रेम..

प्रेम एक भाव घन, 
प्रेम से संसार सब..

प्रेम एक छांव कोई,
प्रेम एक ठांव कोई..

प्रेम बाँधे नेह को, 
प्रेम साधे देह को..

प्रेम भक्ति, प्रेम पूजा, 
प्रेम शक्ति, प्रेम ऊँचा..

प्रेम दर्पण, प्रेम दर्शन,
प्रेम अर्पण, प्रेम तर्पण..

प्रेम मृत्यु, प्रेम जीवन,
प्रेम नहीं कोई प्रदर्शन..

प्रेम सब दिन, 
       प्रेम निस दिन..!

~अक्षिणी

शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2023

फसाने कितने..

रोज बुनने हैं फसाने अपने..
भूल जाने हैं तराने कितने..
इक तेरे नाम पे कायम है दुनिया अपनी,
वरना लुट जाने हैं ठिकाने अपने..

चार आँसू हैं बहाने अपने..
लौट आने के बहाने अपने..
कुछ तो बात है ज़िंदगी में यारा
बीत जाएंगे जमाने अपने..

~अक्षिणी

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

अनुवाद..

मूर्तियों के ताप से धूसरित भस्मित करोड़ों योद्धा यवन..

ये मृत्यु के दूत हमें क्या डराएंगे ! 

जिस भारत की पूण्य धूलि से
उठते हैं ये मूर्तन,

उसी धूलि में प्रियवर, ये भी धुसरित हो जाएंगे !!

अक्षिणी

🙏