गुरुवार, 7 सितंबर 2023

कान्हा कैसा मोह लगाया..?

कान्हा कैसा राच रचाया, सारे जग को जोर नचाया..
यूँ कर्मन के बाँध के घुँघरू, थिरक रहा जग तेरी माया..

कान्हा कैसा मोह लगाया,राजा-रंक सब तेरी छाया..
मोहन मुरली की तान सुना कर, सारा जग तूने भरमाया..

कान्हा कैसा रस बरसाया, छलकी गगरी भीगी काया,
बंसी को यूँ अधर लगा कर, राग ये प्रेम का ऐसा गाया..

कान्हा कैसी धुन तू लाया, कँकर-पत्थर बाँध तू पाया..
गोकुल-बृज को मोहा तूने, सारे जग को दास बनाया..

मीरा नाची, राधा नाची, रुक्मणि को भी रंग लगाया..
छोड़ के जग के बँधन सारे,कृष्णा तू वीतरागी कहलाया.. 

~अक्षिणी

रविवार, 23 जुलाई 2023

गौरव गान..

निज थाति पर मान बहुत
निजकर्मन का भान कहाँ
माँ-माटी का गान बहुत
माँ-बेटी का ध्यान कहाँ?

भारत का गौरव गान तभी
माँ-बहनों का जब मान रहे
कोरे शब्दों-गीतों से कैसे
भारत माँ का अभिमान रहे?

राष्ट्र प्रथम के स्वर गुंजित
राष्ट्रचरित की पहचान कहाँ
मदांध जब निज हित साधन
देशराग-ओ गौरवगान कहाँ?

~अक्षिणी

शुक्रवार, 14 जुलाई 2023

पानी..

मर जाता है आँख का पानी,
पलटता है हर कोस पर पानी..
पिया करते हैं लोग घाट-घाट का पानी,
पचता नहीं भाँत-भाँत का पानी..
बोलता है सर चढ़ कर,छलकता है पानी,
अपनी पर आए तो लील जाता है पानी..
कटता है,बँटता है खेत- खलिहान का पानी,
पानी की जात क्या पर जाता नहीं जात का पानी..

ठहरता नहीं उतर ही जाता है नयी बरसात का पानी,
साँस लेता है अभी मुझमें गाँव-देहात का पानी..


*जात~प्रकार

शुक्रवार, 23 जून 2023

मत पूछना..

कांग्रेस से कोई सवाल मत पूछना
नोंच लेंगे अपने ही बाल मत पूछना
उधड़ेगी बाल की खाल मत पूछना
कैसे लुटा देश सत्तर साल मत पूछना
एमरजेंसी का बवाल मत पूछना
बोफोर्स और अगस्ता की चाल मत पूछना
भगा दिए एंडरसन लाल मत पूछना
उड़ा दिए हैं देश का गुलाल मत पूछना
किसने लूटा देश का माल मत पूछना..!
कांग्रेस से कोई सवाल मत पूछना
माँ-बेटे के गुलामों का हाल मत पूछना
गाँधी नाम की नकली ढाल मत पूछना
देश को समझा बाप का माल मत पूछना
सरकारी बँगलों का जलाल मत पूछना
कहाँ गया वतन का लाल मत पूछना
कौन पटेल,लाल-बाल-पाल मत पूछना
भिनभिनाती सत्ता की राल मत पूछना
और चमचों का मलाल मत पूछना..
कांग्रेस से अब कोई सवाल मत पूछना..

बुधवार, 21 जून 2023

रोक लो शहर को..

देख के धूप को छाँव के रंग मचल जाएंगे..
रोक लो शहर को गाँव के ढंग बदल जाएंंगे..

शाम खो जाएगी, बाग खो जाएंगे,
पंछियों के नीड़ उजड़ जाएंंगे..

बाड़ खा जाएगी, बाढ़ आ जाएगी,
ड्योढ़ियों के रुख उखड़ जाएंंगे..

रोक लो शहर को, गाँव के ढंग बदल जाएंगे..

चौके बँट जाएंगे, चूल्हे पट जाएंंगे,
दूध घी खीर में मठ्ठे पड़ जाएंगे..

मेले खो जाएंगे, रोले पड़ जाएंगे,
बात-बे-बात लठ्ठे लड़ जाएंंगे..

रोक लो शहर को गाँव के ढंग बदल जाएंंगे..

बेटे चुक जाएंगे, बेटियाँ लुट जाएंगी,
भाई-बंधी के नाज में घुन पड़ जाएंंगे..

साँस घुट जाएगी, आस मर जाएगी,
चाह की राह में काँटे उग आएंगे..

रोक लो शहर को गाँव के ढंग बदल जाएंंगे..
🙏

~अक्षिणी

मंगलवार, 20 जून 2023

रथयात्रा.. कल्याण जग का कीजिए..

देखिए जग नाथ आज और
आशीष सबको दीजिए.. 
दीजिए आतिथ्य अभिसार,
कल्याण जग का कीजिए..

करबद्ध ये विनती नाथ, अब दरस दीनन को दीजिए..
लीजिए हर संताप जग का,और
रमण जग में कीजिए..

हे जगत के नाथ आज बस अरज इतनी सुन लीजिए..
कीजिए रथभ्रमण आज और
चरण-शरण मन लीजिए..

🙏
#रथयात्रा2023

चाह कहें..

कभी आह कहें 
कभी वाह कहें,
मन की तुमसे हर चाह कहें..

उच्छाह कहें,
परवाह कहें,
मन की तुमसे सरे राह कहें..

~शिकंजी