गुरुवार, 25 अगस्त 2022

ईश्वर..

युगों-युगों से उठता आया 
प्रश्नों का सनातन स्वर है..
नर है नारी है नारायण,
या कि अर्धनारीश्वर है..
मुझ में रचता बसता है,
मुझ सा ही दिखता है,
मुझ सा ही मेरा ईश्वर है..

~अक्षिणी

बुधवार, 24 अगस्त 2022

जागो..

चाक सड़क के सीनों पर पैबंद लगाने वालों जागो..
जागो हे बिना सड़क के टोल उठाने वालों जागो..

नयी सड़कों में केबल का जाल बिछाने वालों जागो..
आए दिन खुदाई को कुदाल उठाने वालों जागो..

बरखा आती है..

हरे-भरे रूखों पर तलवार चलाने वालों जागो..
जागो हे वृक्षों की डाल कटाने वालों जागो..

जागो मिट्टी की मिट्टी में सेंध लगाने वालों जागो..
नद-नालों को पत्थर की पाट लगाने वालों जागो..
 
बरखा गुर्राती है..

फुटपाथों पर पक्की टाईल लगाने वालों जागो..
पीडब्लूडी टेंडर की फाइल लगाने वालों जागो..

नगरनिगम की खड़ताल
बजाने वालों जागो..
जागो हे बरसाती हड़ताल
कराने वालों जागो..  

बरखा चढ़ आती है..
जागो धरती का बोझ बढ़ाने वालों जागो..
जागो लाशों की नाव चलाने वालों जागो..

कब जागोगे..?
शहर समंदर बन आया जागो..
सब पानी-पानी हो आया जागो..

बरखा बढ़ आती है..

~अक्षिणी

अधिकारों की जय चाहो जो..

सोमवार, 22 अगस्त 2022

दोहे..

दुर्योधन सब सुयोधन भये,
निपट नोटन के संजोग..
नर-नारी सब रावण जपे,
धन कलजुगी महारोग..

~अक्षिणी

शुक्रवार, 12 अगस्त 2022

अपने हाथ..

अपना मन, अपने हाथ
मन की सोच अपने हाथ..
पराए बोल पराए जान
अपनी शांति अपने हाथ..

~अक्षिणी