वो शादी की तस्वीरें ..
अब पहचानी नहीं लगती,
वो चोरों का राजा तो लगता है..
मैं रूप की रानी नहीं लगती..
कुपोषित सिमटी
कोमल सी जो बैठी है
ये खाती पीती मुटियायी सी
महारानी नहीं लगती..
अनुभव से जो हासिल है,
बालों में चांदी नहीं दिखती..
मेरे बच्चों के बापू की
ये तस्वीर सुहानी नहीं लगती..
देखी सी तो लगती है मगर
अपनी ये कहानी नहीं लगती..
भोली भाली अब भी है मगर
ये लड़की वो दीवानी नहीं लगती..
वो शादी की तसवीरें अब,
पहचानी नहीं लगती..
अक्षिणी..