शुक्रवार, 26 मई 2023

विनय..

आँधियों के झोंकें
बारिशों के थपेड़े..
करते रहे आजमाइश..
लगाते रहे जोर-बखेड़े..

क्यारियाँ धराशायी हुईं,
कुछ देर को बजे सन्नाटे
छमकती रही बारिशें,
चलते रहे हवाओं के फन्नाटे
कब तक चलता..?
रुकना था।

फिर आकाश छँटा,
सुरज मुस्काया..
जो झुके थे सो 
फिर तन गए
अड़े-खड़े थे
सो माटी हुए..

~अक्षिणी

सोमवार, 22 मई 2023

न वो झुके न हम झुके..

यूँ द्वार को तका किए,
हम द्वार पर रुके-रुके..
उस पार वो इस पार मैं,
न वो झुके न हम झुके..

हर ज्वार को छला किए,
हम ज्वार पर झुके-झुके..
उस पार वो इस पार मैं,
न वो रुके न हम रुके..

यूँ चाँद को सजा दिए,
हम रात भर जगे-जगे..
उस पार वो इस पार हम,
न वो थके न हम थके..

हर हाल में जिया किए,
यूँ उम्र भर खरे-खरे..
उस पार वो इस पार हम,
न वो चले न हम चले..
 

~अक्षिणी


शुक्रवार, 12 मई 2023

अपने दुख की गाने वालो..

अपने दुख की गाने वालो
जग के दुख पर दृष्टि डालो

किस पर कैसी बीत रही
किस की गठरी रीत रही
काल तिमिर का कटता कैसे
साथ मिहिर का छूटा जब से

झूठ के आँसू रोने वालो
सच का दुख तुम ना जानो

कितने आँगन भूख खड़ी
कितने चूल्हे धूल पड़ी
हर घर देखो मौत खड़ी
आँगन-आँगन आग लगी

अर्थी अपनी ढोने वालो
झुकते काँधे,हार न मानो..

~अक्षिणी