बढ़ी चलो,बढ़ी चलो
पहाड़ सी बढ़ी चलो
यूं बढ़ो कि उम्र हो,
फेल सारे यत्न हो
घटो नहीं छँटो नहीं
यूँ डटो कि सत्य हो,
झूठ सी बढ़ी चलो
अमीर हो गरीब हो,
भेद ना करो कभी
संतरी या के मंत्री हो,
वायु सी बढ़ी चलो
दौड़ से डरो न तुम,
भार से भरी रहो
बढ़ी चलो बढ़ी चलो
ओ तोंद तुम बढ़ी चलो
अक्षिणी