आज टिन पर
रिमझिम की थाप पड़ी है..
इस सावन की
पहली मल्हार छिड़ी है..
नाच उठी हैं छम छम
पायल बूँदों की..
झूम रहे हैं घन घन
बादल बरखा के..
आज पहली बारिश है..
अक्षिणी..
रिमझिम की थाप पड़ी है..
इस सावन की
पहली मल्हार छिड़ी है..
नाच उठी हैं छम छम
पायल बूँदों की..
झूम रहे हैं घन घन
बादल बरखा के..
आज पहली बारिश है..
अक्षिणी..
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