चाक सड़क के सीनों पर पैबंद लगाने वालों जागो..
जागो हे बिना सड़क के टोल उठाने वालों जागो..
नयी सड़कों में केबल का जाल बिछाने वालों जागो..
आए दिन खुदाई को कुदाल उठाने वालों जागो..
बरखा आती है..
हरे-भरे रूखों पर तलवार चलाने वालों जागो..
जागो हे वृक्षों की डाल कटाने वालों जागो..
जागो मिट्टी की मिट्टी में सेंध लगाने वालों जागो..
नद-नालों को पत्थर की पाट लगाने वालों जागो..
बरखा गुर्राती है..
फुटपाथों पर पक्की टाईल लगाने वालों जागो..
पीडब्लूडी टेंडर की फाइल लगाने वालों जागो..
नगरनिगम की खड़ताल
बजाने वालों जागो..
जागो हे बरसाती हड़ताल
कराने वालों जागो..
बरखा चढ़ आती है..
जागो धरती का बोझ बढ़ाने वालों जागो..
जागो लाशों की नाव चलाने वालों जागो..
कब जागोगे..?
शहर समंदर बन आया जागो..
सब पानी-पानी हो आया जागो..
बरखा बढ़ आती है..
~अक्षिणी
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