गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

अनुवाद..

मूर्तियों के ताप से धूसरित भस्मित करोड़ों योद्धा यवन..

ये मृत्यु के दूत हमें क्या डराएंगे ! 

जिस भारत की पूण्य धूलि से
उठते हैं ये मूर्तन,

उसी धूलि में प्रियवर, ये भी धुसरित हो जाएंगे !!

अक्षिणी

🙏

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