हिन्द के जवान ये हिन्द का निशान हों,
हिन्द इनकी जान है तो हिन्द की ये जान हों,
जो खौलता है खून ये तो खौलने दो खून को,
जो तोलते हैं खून से तो तोलने दो खून को,
रोकने का हक नहीं है, टोकने का हक नहीं है,
दे रहे हैं जान ये, दे रहे हैं प्राण ये..
हिन्द के जवान ये..
तोहफों को भूल कर बन्दूकों की बात हो,
गर्दनों के नाम पर गर्दनों की घात हो,
रोकने का हक नहीं है ,टोकने का हक नहीं है,
दे रहे हैं जान ये , दे रहे हैं प्राण ये..
हिन्द के जवान ये..
ये खेलते हैं खून से तो खेलने दो खून से,
ये लड़ रहें हैं जान पे,ये लड़ रहे जुनून से
रोकने का हक नहीं है,टोकने का हक नहीं है,
दे रहे हैं जान ये, दे रहे हैं प्राण ये,
हिन्द के जवान ये..
मर मिटे हैं मुल्क पे तो मुल्क इनके साथ हो,
चल पड़े हैं जो जंग पे तो देश इनके साथ हो,
रोकने का हक नहीं है,टोकने का हक नहीं है,
दे रहे हैं जान ये, दे रहे हैं प्राण ये..
हिन्द के जवान ये..
अक्षिणी भटनागर
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