शनिवार, 8 अप्रैल 2017

ज़िंदगी..

किसी किसी को ही मिला करती है,
यूं तो हर शख़्स तुझे तलाशता है.
किसी को ज़िंदगी का इंतजार होता है,
तो किसी का ज़िंदगी को इंतजार होता है.

अक्षिणी भटनागर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें