रविवार, 2 अप्रैल 2017

माँ..

माँ चाह तेरी हो राह मेरी,
जो तुझ पे यकीं,
खुद पे भी नहीं..

ना जानूँ माँ पूजन अर्चन
कैसे हों अब,
तेरे दर्शन.

माँ मन में तेरा नाम रहे,
तेरा साथ रहे ,
तेरा हाथ रहे.

अक्षिणी भटनागर

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