सोमवार, 17 अप्रैल 2017

हम..

जग तो रहेगा,
हम रहे न रहे.

कुछ तो रहेगा,
सब रहे न रहे.

दुख तो रहेगा,
सुख रहे न रहे.

रब तो रहेगा,
कोई रहे न रहे.

अब तो रहेगा,
कल रहे न रहे.

अक्षिणी भटनागर

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