शिकंजी उदयपुरी..
मंगलवार, 10 जनवरी 2017
स्वयंप्रज्ञा: वक्त
मंजिले मिलती हैं उन्हैं जो चलें वक्त के साथ
ना वक्त से पहले ना वक्त के बाद...
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