वाह री ज़िंदगी तू भी,
गज़ब की तरंग है..
बदलती मौसमों से रंग है..
वाह री ज़िंदगी तू भी,
गज़ब की दबंग है..
मचलते हौसलों की जंग है..
वाह री ज़िंदगी तू भी,
अजब एक पतंग है..
पलटती डोरियों से तंग है..
अक्षिणी
वाह री ज़िंदगी तू भी,
मस्त एक मलंग है..
डूबते साहिलों के संग है..
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें