एक बार एक चूहा था..
चूहे को लाल मखमल का एक टुकड़ा मिला...
वो मखमल का टुकड़ा ले कर दर्जी के पास गया, बोला मेरी सुंदर सी टोपी सिल दो..
दर्जी ठठाकर हँस पड़ा..बोला अब ये दिन आ गए हैं..चूहे भी टोपी पहनने लगे हैं..और वो भी मुझसे सिलवा कर..?
चूहा बोला..आखिर यही तो हैं....
दर्जी ने कहा-नहीं सिलता.. जा जो बनता है कर..
चूहा बोला-
राजा के पास जाऊँगा ,
चार सिपाही लाऊँगा
सोलह डंडे पिटवाऊँगा
मैं खड़ा खड़ा तमाशा देखूँगा..
दर्जी डर गया और टोपी सिल दी..
चूहा टोपी पहन कर इठलाने लगा...
बस टोपी क्या मिली चूहे का दिमाग दौड़ने लगा.भागा भागा गोटे वाले के पहुँचा,बोला ऐ गोटेवाले जरा मेरी टोपी में सितारे लगा दो.
गोटे वाले ने कहा-किस फालतू दर्जी ने सिली है ये?मैं नहीं लगाने वाला.भाग यहाँ से.
चूहा बोला-दिल्ली के दर्जी ने सी है.सितारे लगा वरना राजा के पास जाऊँगा...
राजा के पास जाऊंगा ,
चार सिपाही लाऊँगा
सोलह डंडे पिटवाऊँगा
मैं खड़ा खड़ा तमाशा देखूंगा..
गोटे वाला क्या करता सितारे लगा दिए..
सितारों वाली लाल टोपी लगा कर चूहा सीधे राजा के घर पहुँचा,बोला-ऐ राजा,
ये गद्दी मेरी है.अब मैं राज करूंगा.
राजा ने कहा - अच्छा..टोपी पहन ली तो राजा हो गया..दिल्ली वाला समझा है क्या? भाग यहाँ से..
अब तो चूहा बिफर गया..वहीं पसर गया..
राजा ने उसे झरोखे में बिठा दिया.
आते जाते लोग देखते और कहते..
ये देखो टोपी वाला चूहे के अच्छे दिन आए हैं..
टोपी वाले चूहे की शान देख शहर के सारे चूहों ने अब गठबंधन कर लिया है.सब के सब लाल मखमल का टुकड़ा ढूंढ रहे हैं..हरा गोटा हाथ में ले कर..
क्या इनके अच्छे दिन आऐंगे...?
अच्छे दिन..😂
अक्षिणी
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