नई उमंगें,नई तरंगे,आह्वान नये हैं
नव भारत के अभिमान नये हैं..
गुंजित हो सब जल थल अंबर,
आल्हादित हो जन गण का मन ..
निजता का अधिकार नया हो
नारी का सम्मान नया हो..
आरक्षण का अवसान तुरत हो,
सब रक्षण से उत्थान नया हो..
नई ऊर्जा है, नई उर्वा है
नव सृजन के विज्ञान नये हो
नये भारत के निर्माण नये हो,
अब प्रगति के प्रतिमान नये हो..
72वें स्वतंत्रता दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएं..
अक्षिणी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें