शिकंजी उदयपुरी..
शुक्रवार, 29 नवंबर 2019
तुझ तक..
घिरा बैठा हूँ अपने ही दायरों में,
मुद्दत से खुद को सँभाले हुए..
मैं बिखर न जाऊं कहीं,
तुझ तक पहुँचने की कोशिश में ..
अक्षिणी
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