पुरुष दिन कुछ यूँ मनाया,
बीवी से मौन व्रत है रखवाया.
सुबह से चुप हों बैठी हैं.
मानों जीभ इनकी ऐंठी है.
कल की कल देखेंगे
आज तो अपना दिन आया.
पुरुष दिन कुछ यूँ मनाया,
वाट्स अप पर ब्लाॅक दबाया.
पूरे दिन फोन नहीं उठाया,
बेगम का हुकुम नहीं बजाया.
पुरुष दिन कुछ यूँ मनाया..
बिना शेव के दफ्तर आया
गीला तौलिया छोड़ के आया
बिस्तर को सीधा नहीं लगाया
पुरुष दिन कुछ यूँ मनाया
दो घंटे घर देर से आया
मस्त बहुत ये दिन बिताया
आज मैंने खाना नहीं बनाया
पुरुष दिन कुछ यूँ मनाया
झाडू पोंछा नहीं लगाया
टाॅमी को भी नहीं घुमाया
मैडम का सर नहीं दबाया
पुरुष दिन..
अक्षिणी
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