शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

वो लुटती,जलती,मरती रहेगी..

तुम गाँधी गोडसे करते रहना,
वो लुटती,जलती,मरती रहेगी..

तुम वकील कचहरी खेलते रहना,
वो लुटती,जलती,मरती रहेगी..

तुम सिलाई मशीन बाँटते रहना,
वो लुटती,मरती,जलती रहेगी..

तुम धर्म-अधर्म के गीत गाना
वो खटती कटती मरती रहेगी..


अक्षिणी 

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