मंगलवार, 4 दिसंबर 2018

तमाम रात..


कहता रहा चाँद,
तमाम रात अपनी बात..
चाँदनी,
सुनती रही तमाम रात..
खामोश लब,
बोलते रहे तमाम रात..
पूरी अधूरी सी बात,
जागती रही तमाम रात..

अक्षिणी

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