गुरुवार, 27 दिसंबर 2018

लिखता कहाँ है..

कवि लिखता कहाँ है?
कवि तो बस कहता है..
जब सहता है तब कहता है
कुछ चुभता है तो कहता है
रस बरसता है तो कहता है
मन तरसता है तो कहता है
अधरों पर हँसी बन रहता है
आँख से आँसू बन बहता है
पेट की आग सा दहकता है
जेठ में फाग सा महकता है
कवि तो बस कहता है..
कवि लिखता कहाँ हैं?

अक्षिणी

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