रविवार, 9 दिसंबर 2018

औरतें..

औरतें सुनती हैं
परिवर्तन की पदचाप
और करती हैं,
आगत का स्वागत
खुली बाहों से.
झिझकती नहीं ज़रा,
जानती हैं कि,
परिवर्तन ही
प्रगति है,
उन्नति है,
समृद्धि है..

अक्षिणी

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