गुरुवार, 13 सितंबर 2018

तन्हाई


मेरे आईने में ज़िंदा
बस इक तन्हाई है..
तस्वीर नहीं कोई,
तहरीर नहीं कोई,
बस धुंध सी छाई है..
शबनम सी शीशों में,
एक आह उभर आई है..

अक्षिणी

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