नंदनंदन तुम,नित्य वंदन तुम
सौम्य वदनम् तुम,शुभ्र चंदन तुम..
सर्व भूपम् तुम ,विश्व रूपम् तुम
सत्य दर्पण तुम, योग दर्शन तुम..
गोपगोविंदम्, मुग्ध नर्तक तुम
कष्ट मोचन ,मन के मोहन तुम..
सौम्य सृजनम्,भक्त वत्सल तुम
दिव्य दर्शन तुम,दृश्य रचनम् तुम..
दीनहीन हम,ज्ञानहीन हम
सबके अर्चन् तुम ,कृष्ण भगवन् तुम..
अक्षिणी
सुंदर कविता 👌👌
जवाब देंहटाएंअति उत्तम रचना 👌👌
जवाब देंहटाएंअति उत्तम रचना 👌👌
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