सुख और दुख का साथ सनातन
दुख के बिना सुख आधा-अधूरा
कांटों संग है फूल का जीवन,
बिन कांटे कहाँ उपवन पूरा
साथ चले हैं रात और दिन
रात नहीं तो दिन बंजारा
हँसना रोना साथ चले है ,
आँसू बिना मुस्कान खिले ना
धूप और छांव का मेल है जीवन
धूप नहीं तो छांव बैरागन..
अक्षिणी
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