शिकंजी उदयपुरी..
शनिवार, 23 जून 2018
हरी इच्छा..
अपने सोचत कछु नाही,
हरी सोचे सब होय..
हरी इच्छा के सामने ,
जग सब बेबस होय..
अक्षिणी
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