शुक्रवार, 22 जून 2018

जीना होगा..

एक चाह की छूटी तदबीर सही
एक ख्वाब की टूटी तसवीर सही
टूटे मानों का धीर तो क्या
छूटे दानों का सीर तो क्या

चुभती हर पीर को पीना होगा
हर हाल में तुझको जीना होगा

सूखी आँखों का नीर तो क्या
उलझी राहों का चीर तो क्या
टूटी साँसों की जंजीर सही
भूली यादों की शमसीर सही

चुभती हर पीर को पीना होगा
हर हाल में तुझको जीना होगा

अक्षिणी

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