शनिवार, 6 मार्च 2021

नई रोशनी..

चल निशा को सुबह कर लें 
और सुबह से संधि कर लें
अंधियारों को चीर कर हम, 
नई रोशनी को नये स्वर दें..
अक्षिणी..

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