शिकंजी उदयपुरी..
सोमवार, 26 अक्तूबर 2020
क्या कहिए..
रुपहली सी चमक
चाँदी से तारों की क्या कहिए..
चिंगारी सी थिरक
ठहरे अंगारों की क्या कहिए..
माथे की सलवटों में
उम्रों का तक़ाज़ा क्या कहिए..
संजीदा उन चश्मों से
नज़रों का नज़ारा क्या कहिए..
#यूँ_ही
~ अक्षिणी..😂
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें