कह पाएं तो
कविताओं में कहानी कहिए..
नहीं अपनी तो
किसी और की ज़बानी कहिए..
दिल को छू जाए
वो पानी की रवानी कहिए..
छंदों में ढाल के
दास्तां वो पहचानी कहिए..
सच हो या नहीं
बस बात सुहानी कहिए..
नये दोस्त सही
बस याद पुरानी कहिए..
हकीकत बे-नूर सही
ख्वाबों की रूहानी कहिए..
वो जो मिल जाए तो
याद करती है दीवानी कहिए..
जो ना मिल पाएं तो
बस याद निशानी कहिए
और मिल जाएं तो
रात बरसात तूफानी कहिए..
दोहों में बांधिए,
सवैयों की ज़ुबानी कहिए..
कह पाएं तो
कविताओं में कहानी कहिए..
अक्षिणी
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