शिकंजी उदयपुरी..
सोमवार, 2 दिसंबर 2019
हूक..
कोनों कोनों में
दबे छिपे पन्ने ..
जब याद आए
पहचानी सी
इक हूक उठाए..
फिर कोई किताब
उठाई जाए
और एक बैठक में
बाँच दी जाए..
अक्षिणी
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