परिवर्तन एक शाश्वत सत्य है..
जो इसे स्वीकार नहीं करते ,
इसके अनुसार नहीं ढलते,
शनै: शनै: लुप्त हो जाते हैं..
अपना अस्तित्व खो देते हैं..
जो इसे स्वीकार नहीं करते ,
इसके अनुसार नहीं ढलते,
शनै: शनै: लुप्त हो जाते हैं..
अपना अस्तित्व खो देते हैं..
परिवर्तन ही प्रगति है,
जो बदलते नहीं..
जड़ हो जाते हैं..
ठहरे पानी की सी,
सड़ांध मारने लगते हैं..
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