बुधवार, 27 फ़रवरी 2019

मैं..

अच्छा दिखना मेरी खुशी है..
इसलिए बनती सँवरती हूँ..
अच्छा पहनती हूँ..
अच्छा कहती सुनती हूँ..
इक्कीसवीं सदी है..
लोग अगर सोच न बदलें
तो वो उनकी समस्या है..
मेरी नहीं..
आज की नारी हूँ..
अपनी शर्तों पर जीती हूँ..

अक्षिणी

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