अच्छा दिखना मेरी खुशी है..
इसलिए बनती सँवरती हूँ..
अच्छा पहनती हूँ..
अच्छा कहती सुनती हूँ..
इक्कीसवीं सदी है..
लोग अगर सोच न बदलें
तो वो उनकी समस्या है..
मेरी नहीं..
आज की नारी हूँ..
अपनी शर्तों पर जीती हूँ..
अक्षिणी
इसलिए बनती सँवरती हूँ..
अच्छा पहनती हूँ..
अच्छा कहती सुनती हूँ..
इक्कीसवीं सदी है..
लोग अगर सोच न बदलें
तो वो उनकी समस्या है..
मेरी नहीं..
आज की नारी हूँ..
अपनी शर्तों पर जीती हूँ..
अक्षिणी
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