रविवार, 19 जुलाई 2020

वोट में खोट..

नालों के किनारे बस्ती बसा लेते हैं लोग
पहले दुछत्तियों और झुग्गियों की ओट
फिर भूमाफिया काट देता है प्लाॅट के प्लाॅट
देखते ही देखते खड़े हो जाते हैं लाट के लोट
सरकारें चुनावों में दे देती हैं वैधता की ओट
क्यूँ न दें?
हर एक को प्यारा है अपना वोट
बह जाएं और ढह जाएं तो कर्मों के खोट
मीडिया भी पहचानता बस कड़क नोट
हर बार बस मेंढकों की बरसाती चोट 
फिर सब के सब अपने हाल में लोटमपोट
और बँटने लगती है रेवड़ी की रोट
लुढ़कने लगती है जमीन की गोट

अक्षिणी 




 

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