शुक्रवार, 26 जून 2020

संवाद..

ट्रिंग..ट्रिंग..ट्रिंग

* हलो..हाँ..कौन..
- जी मैं फलां पार्टी के सरदार का ढीकाना सचिव बोल रहा हूँ ..बीबीजी से बात कराएं..
* बीबीजी मुन्ने को गाय पर लेख याद करा रही हैं..कल टीवी पर देना है ना..नहीं आ सकती हैं अभी फोन पर..हम से ही बोलिए जो बोलना है..
- जी वो क्या है कि..कल जाँच एजेंसी को कोई पुराने कागज़ मिले हैं..कुछ पैसे तैसे का मामला है..
ज्यादा नहीं रक्षा बजट जितना ही..पुराना ही लगता है यही कोई दस बारह साल पुराना..छोटा मोटा..
* हमें काहे बता रहे हैं? आप सरकार में हैं..
एजेंसी आपकी है..
-सो तो है..बस एक बार बीबीजी से बात हो जाती..
* बीबी जी क्या करेंगी उसमें?
करिए आप जो बन पड़े।
- अरे मगर उसमें नाम जो है..बड़ों के साथ साथ बाल बच्चों का भी..समझ नहीं आ रहा क्या किया जाए..
* ई हमार सिरदर्द नाहि..बीबी जी को परेशान काहे करते हैं..
- तो क्या करें? मीडिया को दे दें?
* अऊर का..मीडिया को दीजिए..थोड़ा माहौल गर्माइए..
डिबेट कराइए..बच्चे हमें भी टीवी पर देखना चाहते हैं..
- वही हम भी सोच रहे थे..बीबी जी से पूछ लीजिए न एक बार..
* हम कह दिया हूँ ना..बेफिकर रहिए..
- फिर कितने दिन चलाना है मामले को?
* चला लीजिए दूई-चार दिन..
- दो चार दिन से क्या होगा? आखिर हमें भी लोगों को मुँह दिखाना है..एक हफ्ता तो कम अज कम..

*हफ्ता ज्यादा हो जाएगा..पाँच दिन बहुत हैं..
वो डेमोक्रेटिक चैनल पे हमें बुलवा लीजिएगा ..
कसम से एकदम मुर्गा लड़ाने वाली फीलिंग आती है..
हमें गिरफ्तार करने का चैलेंज दे देंगे टीवी पर ही..
दबाव तो बनाना पड़ेगा..

- अरे..धीरे धीरे बोलिए..नोट कर रहे हैं ना..भूल गए तो..और पाँच दिन के बाद..?

* ये भी हम बताएं? उ का कहते हैं ससुरा ओपोलोजी..

- नहीं नहीं..समझ गए .. सरदार साहब से कहेंगे कि अपाॅलाजी मांग लें बीबी जी से..सार्वजनिक?

* सार्वजनिक काहे? कोनो चोरी किए हैं का..?
थोड़ा पइसा तो आपन अकाउंट में जमा कराए हैं..
स्सारा अकाउंटेंट का मिस्टिक रहा..
उही से मँगवाइए माफी..बीबी जी साथ खड़ी हो जाएंगी..

- जी..बड़ा सहारा है आपका..
बीबी जी को प्रणाम बोलिएगा..अच्छा रखते हैं..रोम रोम..

अक्षिणी 

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