सोमवार, 1 अक्टूबर 2018

चलो जीत लाएं जो खुशी कम है,
जरा सा हँसाए जो आँख नम है..
चलो ढूंढ लाएं जो हँसी गुम है,
धूप छाँव तो हर दर हर पल हर दम है..

अक्षिणी

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