सोमवार, 8 अक्तूबर 2018

कितने..

कितने रिश्ते हैं
जिनकी बाकी अभी किश्तें हैं..

जाने कितने कतरे हैं कि ,
आँखों में आँसू के खतरे हैं ..

जाने कितनी कसमें हैं
झूठी जिनकी रस्में हैं..

अक्षिणी

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