शुक्रवार, 18 जुलाई 2025

ग़ज़ल चोर..

कमाल करतें हैं आप, मिसरे भर की बात करते हैं आप,
लोग रदीफ, काफ़िए संग पूरी ग़ज़ल पे हाथ करते हैं साफ..

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