शुक्रवार, 18 जुलाई 2025

रोटी अब..

👌

चूल्हा रहा न रोटी अब,
रसोई हो गई छोटी अब
दिखती नहीं कहीं,
वो घी की घी-लोटी अब..
मिट चुका है धुएँ का नाम भी,
कौन करेगा टेम खोटी अब?
जोमेटो कराती है वोटी अब..
पिज़्ज़ा-बर्गर डबलरोटी सब
संभल कर मांगना रोटी अब,
वोटी उठा रही है सोटी अब..

*वोटी/वोट्टी - पत्नी

~अक्षिणी

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