शनिवार, 5 जुलाई 2025

सवाल..

सवाल ये नहीं कि सवाल क्या है,
सवाल है ही यही कि सवाल क्यों है?

सवाल यूँ नहीं कि जवाब क्या हो?
सवाल है ही यही कि जवाब क्यों है?

सवाल तो बहुत थे मगर जवाब नहीं आए,
जवाब तो आए मगर सवालों को नहीं भाए..

यूँ सवालों में गुज़र रही बेहिसाब ज़िन्दगी 
 सवालिया सही मगर लाजवाब ज़िन्दगी..

सवालों से गुरेज कहाँ, कर सवाल ज़िन्दगी,
बहुत हुआ,अब कर भी दे हिसाब ज़िन्दगी..

हिसाब की फुर्सत किसे, पूछती सवाल ज़िन्दगी 
हर सवाल पर सौ सवाल, हो गई सवाल ज़िन्दगी 

सवाल दर सवाल, सवाल पर बवाल ज़िन्दगी,
जोड़ है कि बाकी, हिसाब की किताब ज़िन्दगी..


#सवाल