चारि-मेरां गोल घूमे रे देखो
ओ आदमी रो जीव..
थारी-मारी खूब करे रे देखो
ओ आदमी रो जीव..
आँटा-साँटा न्याव करे रे देखो
ओ आदमी रो जीव..
दाणा खातर दौड़ फरे रे देखो
ओ आदमी रो जीव..
करमा-धरमा ब्याज भरे रे देखो
ओ आदमी रो जीव..
मगरां-जगरां कूद पड़े रे देखो
ओ आदमी रो जीव..
नाच्यो-नाच्यो जोर फरे रे देखो
ओ आदमी रो जीव..
किनख्यां-मिनख्यां भाग छूटे रे देखो
ओ आदमी जीव..
~अक्षिणी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें