रविवार, 16 अप्रैल 2023

उड़ चलो..

काँटों पर भरें आह क्या?
मुश्किलों की परवाह क्यों?
फैसलों पे हौसले हो,
हौसलों पे विश्वास तो..
तोड़ दो बेड़ियाँ,
खोल दो पाँखें तुम..
मोड़ दो रुख हवाओं के..
कर लो आसमां मुठ्ठी में..
करो इरादे बुलंद..
उठो..उड़ चलो..

~अक्षिणी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें