बुधवार, 28 जुलाई 2021

जल ही तो जीवन है..

बारिशें नहीं.. जीवन है..
बूँद बूँद ये..अमृत है..
अँजूरी तुम भर के देखो..
या जिह्वा पर रख के देखो..
गागर गागर भर लो इससे
सागर सागर कर लो इससे
इसको व्यर्थ न बहने देना
न माटी में मिलने देना..
छत-चौबारे जलकोष बनाएं..
जल भर कर जीवनतोष बनाएं..
जल है तो जीवन है..
जल ही तो जीवन है..

~अक्षिणी

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