गुरुवार, 10 दिसंबर 2020

गधे और लिफ्ट

कमाल की कहानी है..
एक दस मंजिला भवन में लिफ्ट नहीं होने से लोगों को चढ़ने-उतरने में बड़ी दिक्कत होती थी,खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को,तो लोगों ने एक युक्ति निकाली और कुछ गधे ले आए जो लोगों को ऊपर ले जाने और नीचे लाने का काम करने लगे।
गधों के मालिकों को मासिक किराया मिलने लगा।
किराए का 10% हिस्सा वे सोसायटी को देने लगे। सोसायटी के पदाधिकारी भी खुश।
ऐसा कई सालों चलता रहा..
मगर फिर चुनाव हुए और सब गड़बड़ा
गया। नये प्रबंधन ने सोचा कि क्यूँ ना लिफ्ट लगा दी जाए।
बस..विवाद शुरू हो गया।
सोसायटी के लोग धरने पर बैठ गए..
"ये तो गलत है.."
"सोसायटी का राजस्व चला जाएगा.."
"गधों के मालिकों का रोजगार चला जाएगा.."
"बेचारे भूखे मर जायेंगे.."
"गधों का क्या होगा.."
(मानवाधिकारों और पशुअधिकारों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन..)
सब के सब लड़ने को तैयार ..
प्रबंधन ने समझाया कि ऐसा नहीं होगा।
लिफ्ट सबके लिए है पर जो गधे पर जाना चाहे, वो गधे पर जाते रहे।
लेकिन लोग तो जिद पर अड़ गए..
आखिर प्रबंधन को झुकना पड़ा।
तो समझौता हुआ कि लिफ्ट में जाने वालों को गधों की सेवाएं लेनी अनिवार्य होंगी।
तो अब गधे लोगों को लिफ्ट तक ले जाएंगे..!!!

पूर्वसूचना: यह कहानी विशुद्ध एवं निर्मल हास्य हेतु लिखी गई है, इस का किसी वास्तविक घटना-दुर्घटना से कोई लेना-देना नहीं है।

🙏

~अक्षिणी 



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें