हाय री मुई चाय,
अब ये मुझे जरा न भाए..
बस अभी ही छोड़े हैं..
पतले होने को दौड़े हैं..
चाय की लत मोहे ऐसी लागी,
छ: कप रोज पीती थी अभागी..
वजन पचहत्तर हुआ तो जागी,
चाय छोड़ अर ग्रीन टी पे आगी..
पेट ढोलकी हुआ है ऐसे,
मास नौवां पूरा हो जैसे..
गर्दन दिखती लठ्ठों जैसी,
बोडी हो गई पठ्ठों जैसी..
दोनों भुजाएं जो हुईं बलशाली,
छोड़ के टी ग्रीन टी अपना ली..
अक्षिणी
अब ये मुझे जरा न भाए..
बस अभी ही छोड़े हैं..
पतले होने को दौड़े हैं..
चाय की लत मोहे ऐसी लागी,
छ: कप रोज पीती थी अभागी..
वजन पचहत्तर हुआ तो जागी,
चाय छोड़ अर ग्रीन टी पे आगी..
पेट ढोलकी हुआ है ऐसे,
मास नौवां पूरा हो जैसे..
गर्दन दिखती लठ्ठों जैसी,
बोडी हो गई पठ्ठों जैसी..
दोनों भुजाएं जो हुईं बलशाली,
छोड़ के टी ग्रीन टी अपना ली..
अक्षिणी
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