नव का हो निर्माण सार्थक
निजहितचिंतन हो गौण जहाँ
मुखरित हो सर्वजन हित
सर्वजन सुख जहाँ सर्वदा
नव का हो निर्माण..
निस्वार्थ रहे जब सोच सदा
सत्यनिष्ठ हो एकनिष्ठ हो
सत्पथ हो संधान जहाँ
नव का हो निर्माण..
निरपेक्ष हो निष्पक्ष सदा साथ
चलें साथ बढ़ें
राष्ट्रहित रहे जो लक्ष्य सदा..
अक्षिणी
निजहितचिंतन हो गौण जहाँ
मुखरित हो सर्वजन हित
सर्वजन सुख जहाँ सर्वदा
नव का हो निर्माण..
निस्वार्थ रहे जब सोच सदा
सत्यनिष्ठ हो एकनिष्ठ हो
सत्पथ हो संधान जहाँ
नव का हो निर्माण..
निरपेक्ष हो निष्पक्ष सदा साथ
चलें साथ बढ़ें
राष्ट्रहित रहे जो लक्ष्य सदा..
अक्षिणी
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