बुधवार, 9 अगस्त 2017

कृष्ण कौन..

प्रसंगवश: सुदामा को घोर विपन्नता की स्थिति में भी कृष्ण स्मरण करने पर उनकी पत्नि के प्रश्न का उत्तर..

कृष्ण कृष्ण जो जपत हो तुम,
कुछ समझाओ ये कृष्ण कौन..?

री भोली बावरी तू कृष्ण न जानि,
निरी गंवार तू कृष्ण की लीला ना जानि..

कर्म हैं, धर्म हैं प्रभु कृष्ण सदा,
धर्म का मर्म है प्रभु कृष्ण सदा..

मनमोहिनी अधरों पर मुस्कान कृष्ण के,
सब जानते हैं भगवान कृष्ण हैं..

मन में बसी जो प्रीत कृष्ण की,
जग में चली जो रीत कृष्ण की..

सब ग्वालों में बसे बालकृष्ण हैं,
हर युग के अर्जुन के साथ कृष्ण हैं..

राधा का श्रृंगार कृष्ण से,
उद्धव का संसार कृष्ण हैं..

गोकुल के गोपाल कृष्ण तो
मथुरा के भगवान कृष्ण हैं..

कर्ता हैं कृष्ण और काम भी कृष्ण हैं,
हैं मूल कृष्ण और प्रतान भी कृष्ण हैं..

कुंज गलियन में धेनू संग मीत कृष्ण हैं,
यमुना तट पर वेणू का संगीत कृष्ण हैं..

री बावरी कृष्णमय संसार सारा ,
कण-कण में प्राण का आधार कृष्ण है..

अक्षिणी

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