प्रसंगवश: सुदामा को घोर विपन्नता की स्थिति में भी कृष्ण स्मरण करने पर उनकी पत्नि के प्रश्न का उत्तर..
कृष्ण कृष्ण जो जपत हो तुम,
कुछ समझाओ ये कृष्ण कौन..?
री भोली तू कृष्ण न जानि,
निरी बावरी तू कृष्ण ना जानि..
कर्म हैं, धर्म हैं प्रभु कृष्ण सदा,
धर्म का मर्म है प्रभु कृष्ण सदा..
मनमोहनी अधरों पर मुस्कान कृष्ण के,
सब जानत हैं भगवान कृष्ण हैं..
मन में बसी जो प्रीत कृष्ण की,
जग में चली जो रीत कृष्ण की..
सब ग्वालों में बालकृष्ण हैं,
हर युग अर्जुन के साथ कृष्ण हैं..
राधा का श्रृंगार कृष्ण से,
उद्धव का संसार कृष्ण हैं..
गोकुल के गोपाल कृष्ण तो
मथुरा के भगवान कृष्ण हैं..
कर्ता हैं कृष्ण और काम कृष्ण हैं,
हैं मूल कृष्ण तो प्रतान कृष्ण हैं..
कुंज गलिन में धेनू का संगीत कृष्ण हैं,
यमुना तट पर वेणू का गीत कृष्ण हैं..
री बावरी कृष्णमय संसार सारा ,
कण-कण में प्राण का आधार कृष्ण है..
अक्षिणी